ॐ श्री राम जय राम जय जय राम।
जी नही मैंने suddenly धार्मिक हो जाने का decide नही किया है। मैं तो हमेशा से बहुत ही धार्मिक इंसान रहा हूँ। बचपन से ही मैं रोज़ श्री रामचरित मानस का पाठ करता आया हूँ। प्रस्तुत हैं मेरी favorite चौपाईयां।
प्रबिश नगर कीजे सब काजा। हृदय राखि कौशलपुर राजा॥
होई सोई जो राम रची राखा। को करि तरक बढावे शाखा॥
मंगल भवन अमंगल हारी। द्रवऊँ सो दशरथ अजिर बिहारी॥
मंगल भवन अमंगल हारी। उमा सहित जिन जपत पुरारी॥
सत हरी भजन जगत सब सपना।
मुखिया मुख सो चाहिए खान पान को एक।
पालई पोशई सकल अंग तुलसी सहित बिबेक।
that's it for today.
जय श्री कृष्ण जय श्री राम।
कृपा करो हे कृपा के धाम।।
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